मंगलवार, 2 जनवरी 2024

तत्पर प्यादा..... - दोलन राय


  दोलन राय
      कवयित्री,लेखिका और पत्रकार 

तत्पर   प्यादा.....

छोटा सा प्यादा,

ना समझ सका ज्यादा

अकारण ही आगे बढ़कर

 क्यों हो गया करने पर आमादा

 राजा एवं मंत्री की मंत्रणा को

 समय कम है ना समझ सका

 जीवन सत्य की कटु यंत्रणा को

 असीम आकलन के उस

  शून्य सत्य को

जीत हार के मध्य के तांडव को

 शतरंज केवल एक खेल नहीं है

 देखो चाल को

 किसी का किसी से मेल नहीं

 कितना अंतर है

 अभियंतर है, संघर्ष निरंतर है

निर्धारित चाल कोई नहीं बेचाल है

 गणना अनुमान झूठा सम्मान

 अपनी अपनी पहचान केवल चलना है

आओ बैठो समक्ष हमारे

 शतरंज खेलना है शतरंज खेलना है


                                                                                                           

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