शनिवार, 13 जनवरी 2024

तलाश कब से है- अमिताभ शुक्ल कवि,लेखक और अर्थशास्त्री




प्रेम खुला हो ,

जो हो जाए,

कहीं भी ,

रहे हर समय ,

वक्त खराब न हो,

पाने ,खोने ,याद,

करने के लिए,

तलाश कब से है,

ऐसे प्रेम की

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