सोमवार, 22 जनवरी 2024

इलाहाबाद से साहित्य की बारीकियां सीखे उपेन्द्र यादव - जयचन्द प्रजापति 'जय' प्रयागराज


                                            इलाहाबाद से साहित्य की बारीकियां सीखे उपेन्द्र यादव                                      ............................
                             जयचन्द प्रजापति 'जय'प्रयागराज

    हिंदी साहित्य के युवा कवि उपेंद्र यादव एक उभरता नाम जो साहित्य में इनकी रुचि इलाहाबाद से ही उपजी। इलाहाबाद की साहित्य नगरी इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम ए की पढ़ाई की। इनकी बहुत सुंदर तथा भाव पूर्ण रचना होती है। सरल स्वभाव के उपेन्द्र यादव साहित्य का अंकुर इलाहाबाद में रह कर बारीकियां सीखी और लिखने की तरफ रुझान बचपन से था। इस तरह इलाहाबाद से ही साहित्य को नया रंग देने लगे। इनकी एक रचना...

पतंग उड़ाता बचपन

दीवारों और छतों पर संतुलन बनाए

डोरी और पतंग को साधते-साधते

एक दिन जीवन को साधना सीख लेता है।

जयराम यादव इनके पिता का नाम हैं। माता श्रीमती तारा देवी हैं। उपेंद्र यादव का स्थायी पता- ग्राम-चकहुसाम, पोस्ट-बीकापुर, जिला-गाजीपुर, उत्तर प्रदेश है। उपेंद्र यादव का जन्म दो जनवरी 1984 को हुआ था। रेलवे में ग्रुप-C के तहत अमृतसर में टेक्निशियन ग्रेड-1 पद पर कार्यरत हैं।

'तुम्हारे होने से' काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुका है। 'जीवन ज्योति' नामक साझा काव्य संग्रह में कविताएँ शामिल, 'मोहब्बतें' नामक साझा संकलन में कविताएँ प्रकाशित, 'नूर की दुनिया' नामक साझा संकलन में कविताएँ सम्मिलित तथा अनेक पत्र-पत्रिकाओं में फुटकर कविताएँ एवं लेख प्रकाशित हुए हैं।

कविता वाचन अनेक संस्थाओं के कार्यक्रम में कविता वाचन करने का सौभाग्य प्राप्त है। पुरस्कार- 'ग्रेट स्पोर्ट्स कल्चरल क्लब इण्डिया' द्वारा पुरस्कृत, 'वांग्मय क्षितिज: एक साहित्यिक उपवन' द्वारा सम्मानित, 'भारतीय रेलवे' के अलावा 'साहित्य चेतना समाज', 'शारदा ज्योति समाज' तथा अन्य संस्थाओं द्वारा समय-समय पर पुरस्कृत एवं सम्मानित हुए हैं।

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“कलम में वह ताक़त होती है जो आज़ादी का बिगुल बजा सकती है।” - संतोष श्रीवास्तव ---

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