उत्सव
उत्सव भुला देते हैं दुखों को कुछ समय के लिए ,
महा उत्सव अदृश्य कर देते हैं समस्याओं को ,
ढोल , ढमाकों की गूंज
में दब जाती हैं भूख की आवाजें ,
खुशी के प्रदर्शन का जलजला कायम रखते हैं उत्सव
जाहिर है जो दुखी होंगे वह नहीं मना पाएंगे उत्सव ,
गमों को भूल पाना कठिन होता है उनके लिए ,
इस तरह बाहर रहते हैं वह उत्सवों से ,
उत्सवों के लिए जरूरी होती हैं रंग ,बिरंगी पोशाखें .
कितना अच्छा होगा वह दृश्य जिसमें सब दिखेंगे एक साथ ,
लिए हाथ में हाथ और कोई गम न होगा किसी के साथ ,
नहीं छपवाना होंगे विज्ञापन , इस्तहार और समाचार ,
लोगों की खुशी के उस दिन .
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