डॉ.वंदना मिश्रा
कवयित्री,लेखिका और प्रोफ़ेसर
मिर्ज़ापुर -231001 उ.प्र.
लक्ष्मण रेखा
रघुकुल नंदन !
स्वयंवर से पूर्व
जिस सीता का बल
चुनौती बन गया था
देश देशांतर के
राजाओं के लिए,
वह असहाय ,निरुपाय
बिना बल प्रयोग किए
गाय सी चीखती,
काँपती ,अपहृत
कर ली गई रावण द्वारा ।
स्वयंवर से वनवास के बीच
किसने खींच ली ,
सारी शक्ति उसकी ?
कहीं तुम अयोध्या वासियों की
दृश्य- अदृश्य लक्ष्मण रेखाओं ने तो नहीं !
1 टिप्पणी:
बहुत खूब
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