राजस्थान सरकार द्वारा
गांधी सदभावना सम्मान पुरस्कार (वर्ष 2023)से सम्मानित)
भविष्य
दांत किट-किटाती ठंड में
महज एक शर्ट और
घुटने तक नेकर पहने
जा रहा है पढ़ाई करने
गेबीलाल स्कूल की तरफ।
इधर, घर मे उसकी माँ
कर रही है कल्पनाएँ नई- नई
बेटा पढकर बनेगा अफसर
कई देगा सुविधाएं- सुख सभी।
और पिताजी सोच रहे है
बड़ा होकर करेगा
गेबीलाल काम कोई बड़ा
उठाएगा बोझ उसका
बाटेगा खर्च उनका।
और गेबीलाल की बहिन
सपने देख रही
भरपेट भोजन का
तन ठकने पूरे कपडों का
पैर में चप्पल ,हाथ मे कंगन का
हाथ मे स्लेट, स्कूल जाने का ।
उधर, गेबीलाल
बंद स्कूल के गेट पर
खड़ा है देर से
देख रहा है सामने आती
सूनी सड़क पर
दूर बहुत दूर तक
दिख जाए आते कही शिक्षक।
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