मंगलवार, 26 दिसंबर 2023

शराब नहीं चलेगी पेड़ लगाईए - अरुण शीतांश (वरिष्ठ कवि,आलोचक और संपादन देशज पत्रिका)

                                         अरुण शीतांश (वरिष्ठ कवि,आलोचक और संपादन देशज पत्रिका)

शराब नहीं चलेगी पेड़ लगाईए

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                           अरुण शीतांश


अब बिहार में  शराब नहीं चलेगी

पेड़ लगेंगे 

और पेड़ से पत्ते जो मिलेंगे

आपस में लड़ मरेंगे

जनता तमाम तरह के तमाशे देखेगी


रचनाकार सोयेंगे

लुहार हथियार बना बेचेगा पहाड़ पर

जंगल में सड़क के नाम पर लेवी ली जाएगी

ठेकेदार ठेका नहीं लेगा, ठेंगा दिखा जाएगा


हम बेहोश होकर गिरेंगे


साहित्य - समारोह होगा

चूहे दौड़ेंगे 

रात बासी होगी 

दिन में उजाले कम होंगे


सरकारें पुत्रमोह के कारण गिरेंगी 

रोज़ राजनीति का व्यवसाय होगा


खेती कम होगी 

सांपों की संख्या बढे़गी


विस्थापन से घर छूटेंगे

उधोग का भरोसा ढ़हेगा 


मुझे लगा  राजनीति 

हुंफ  रही गाय है 


कभी लगा राजनीति 

सांप का फुत्तकार है 


पर राजनीति एक हत्या का औजार है 

कभी सजाकर नहीं 

पिजाकर देखिए 

हमें  एक विशाल वृक्ष को पैदा करना होगा

दुनिया के तमाम दु;खी जन वहाँ बात कह सकेंगे

केवल जात नहीं  होगी

पैसा नहीं होगा

मनुष्य होंगे 

और एक नवजात पौधा होगा

जिसे देखकर हम खुश होते रहेंगे

हे बगान के फूलों!

वरदान दो बिहार बचा रहे ...

“कलम में वह ताक़त होती है जो आज़ादी का बिगुल बजा सकती है।” - संतोष श्रीवास्तव ---

कहानी संवाद “कलम में वह ताक़त होती है जो आज़ादी का बिगुल बजा सकती है।”  - संतोष श्रीवास्तव --- "सुनो, बच्चों को सही समझाइश देना और ज़माने...