रविवार, 31 दिसंबर 2023

सच्चा डर- चित्तरंजन गोप 'लुकाठी'


   चित्तरंजन गोप 'लुकाठी'

  सच्चा डर

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  बचपन में, मैं खूब डरता था

 भूत से

 दिन हो या रात

 भूत का डर

 पकड़ लेता था मुझे

 अकेले में।

 

 जैसे-जैसे मैं बड़ा होता गया

 वह डर जाता रहा

 और नए-नए डर

 समाते रहे मेरे भीतर

 बाघ, भालू और सियार का डर

 कीड़े-मकोड़े, बिच्छू और साँप का डर

 जीवाणु, विषाणु, कवक आदि का डर

 इत्यादि का डर।

 

 आज, वे सारे डर

 काफूर हो गए हैं

 मेरे भीतर से

 पर एक डर

 समा गया है

 मेरे भीतर... गहराई में

 कोई माने, न माने

 पर मैंने समझा है

 अपने अनुभव से कि

 'यह सच्चा डर है '

 इसीलिए तो मैं डरता हूं

 आदमी से,

  केवल आदमी से।

  चित्तरंजन गोप 'लुकाठी'

 सेंट्रल पुल कॉलोनी (बेलचढ़ी)

पो.+थाना-- निरसा

 जिला-- धनबाद (झारखंड)

PIN--828205

M.-- 9931544366

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“कलम में वह ताक़त होती है जो आज़ादी का बिगुल बजा सकती है।” - संतोष श्रीवास्तव ---

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