बुधवार, 27 दिसंबर 2023

* उपलब्धि पूर्ण रहा वर्ष *- अमिताभ शुक्ल (कवि,लेखक और अर्थशास्त्री)


 अमिताभ शुक्ल

कवि,लेखक और अर्थशास्त्री

उपलब्धि पूर्ण रहा वर्ष *

   * अमिताभ शुक्ल

आदमियों आदमियों के बीच की दूरी बढ़ी,

देश चांद और मंगल की दूरी घटी।

समृद्ध हुए चंद लोग ,

और गरीबी का प्रकोप और बढ़ा ।

कई बस्तियां उजड़ गईं ,

कई शॉपिंग मॉल बने ।

समाज में विखंडन बढ़ा ,

अखंड भारत मजबूत हुआ ।

रोजगार के अवसर कम हुए ,

घर बैठे अनाज मिला ।

तेज गति की ट्रेनें बढ़ीं ,

ग्रामीण भारत जस का तस रहा ।

कारों ,मकानों की बिक्री बढ़ीं,

आम ट्रेनों और बसों में आवागमन बढ़ा ।

प्रगति करता है राष्ट्र हमारा इस तरह ,

यह यकीन और पक्का हुआ ।

कोई टिप्पणी नहीं:

“कलम में वह ताक़त होती है जो आज़ादी का बिगुल बजा सकती है।” - संतोष श्रीवास्तव ---

कहानी संवाद “कलम में वह ताक़त होती है जो आज़ादी का बिगुल बजा सकती है।”  - संतोष श्रीवास्तव --- "सुनो, बच्चों को सही समझाइश देना और ज़माने...