सोमवार, 25 दिसंबर 2023

नई राजनैतिक पौध तैयार करो ! - मंजुल भारद्वाज

 नई राजनैतिक पौध तैयार करो !

- मंजुल भारद्वाज 

हारे हुए योद्धा


अपने अपने योगदान को

न्याय संगत ठहराने के लिए

घोष वाक्य उछालते हैं

हम और कर भी क्या सकते थे?

वक्त बदलने वाले

दीमक लगी जड़ों को उखाड़

ज़मी को दीमक मुक्तकर

नई पौध लगाते हैं!


जहां जहां जनता

भीड़ बनकर 

धर्म, ईश्वर को मानने वाले पाखंडियों को

सत्ता पर बैठाती है

वहां विध्वंस निश्चित है !

भारत का सत्ता पक्ष

और 

प्रतिपक्ष मर चुका है

भारत को बचाना है तो

नई राजनैतिक पौध तैयार करो

उसे सत्य,अहिंसा और संविधान की

राह दिखाओ

देश बचाओ !


1 टिप्पणी:

Dosi ने कहा…

सही विश्लेषण आज का

“कलम में वह ताक़त होती है जो आज़ादी का बिगुल बजा सकती है।” - संतोष श्रीवास्तव ---

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