सोमवार, 25 दिसंबर 2023

सुंदर कविताओं का सुंदर संसार- अमिताभ शुक्ल ( कवि,लेखक और अर्थशास्त्री)

अमिताभ शुक्ल
कवि,लेखक और अर्थशास्त्री


* सुंदर  कविताओं  का  सुंदर संसार :

  

कितना सुखद होता है सुंदर ,सुंदर कविताएं रचना ,

बैठे ,बैठे ही संवद्नाओं का संसार बुनना।

सारे भाव ,जज्बात आ जाते हैं,

सुंदर शब्दों में रची कविताओं में।

न आर्थिक परेशानी हो , न लंदन ,दुबई जाने में दिक्कत ,

इस तरह हो जाती है अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में भी शिरकत ।

वर्ना गांव ,गांव भटकना , गरीबी देख ,देख कर लिखना , 

दर्द भरी कविताओं से लोग ऊब जाते हैं।

साहित्य में भी उच्च स्थान पाना कठिन हो जाता है,

बेरोजगारी , कुपोषण ,अत्याचार पर कविताओं से ।

साहित्य का संसार तो सुंदर होता है, 

सुविधाओं के साथ सुंदर विचारों से पनपता है।

लिटरेलिया के आमंत्रण आ जाते हैं,

 महोत्सवों में  भी भागीदारी हो जाती हैं।

सचमुच सुंदर हो जाता है साहित्य का संसार ,

जब वीडियो के साथ समाचार आ जाते हैं।


 

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“कलम में वह ताक़त होती है जो आज़ादी का बिगुल बजा सकती है।” - संतोष श्रीवास्तव ---

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