शनिवार, 30 दिसंबर 2023

बच्चे- भास्कर चौधुरी

             भास्कर चौधुरी
 1

बच्चे

एक

कौन है

अल्ला

ईश्वर या

भगवान

पूछो दुधमुंहे बच्चे से

बदले में वह बोलेगा

भुर्र र्र र्र र्र...

और

फिक फिक हंसी के साथ

उगल देगा

ज़रा सा कच्चा दूध...,

 दो

मैंने दायां हाथ हवा में लहराया

मेरे हाथ खाना आ गया

मैंने उसे बंद कर लिया मुट्ठी में

मैंने बायां हाथ हवा में लहराया

मेरे हाथ नौकरी आ गई

मैंने उसे भी बंद कर लिया मुट्ठी में

 मैंने आंखें बंद की और मुट्ठियां खोलकर

दोनों हाथों को लहराया

और जोर से चिल्लाया -

अच्छे दिन आ गए

आ गए अच्छे दिन

और खोल ली आंखें

मैंने धरती को देखा

सामने न खाना था न नौकरी

चिलचिलाती धूप में नहाएं

चंद अधनंगे खड़े बच्चे थे

भूखे थे शायद..

 तीन

कसूर क्या है

बच्चों का

कि वे सपनों में

अब भी

रंग देखते हैं -

सूरज चाँद और तारे देखते हैं...

चार

 बच्चे

सपनों में रंग देखते हैं

इसीलिए तो

ज़िंदा है पृथ्वी

घूम रही है अपने अक्ष पर

चक्कर लगा रही है सूरज का

और

बच्चों का सगा मामा है चाँद ...

 पाँच

 यहाँ

बच्चे

खेलेंगे रंग

और

उधर

सीरिया में

फलिस्तीन में

अफगानिस्तान में

मिट्टी में दबाए जाने की

तैयारी है ...



 भास्कर चौधुरी

मोबाइल नं - 8319273093

रमानुजगंज, सरगुजा (छ.ग.)

आरम्भ में विद्युत अभियात्रिंकी में पॉलिटेक्निक करने और उसके बाद लगभग दो वर्षों तक इधर-उधर भटकने के बाद एक निजी स्कूल (डीएवी) में बच्चों को पढ़ाने का काम शुरू किया जो आज सत्ताइस वर्षों बाद भी जारी है... प्रारम्भ से ही नवाचार में रुचि रही। जब स्कूलों में सीसीई लागू भी नहीं हुआ था तब भी बच्चों को पढ़ने-पढ़ाने के कई नए तौर-तरीके अपनाए और दूसरों को भी प्रेरित किया...  

प्रकाशन: काव्य संकलन ‘कुछ हिस्सा तो उनका भी है’ और 'समकाल की आवाज़ के तहत पचास चयनित कविताएँ प्रकाशित। बोधि प्रकाशन से यात्रा संस्मरण ‘बस्तर में तीन दिन’ प्रकाशित। एक और अन्य कविताओं का संकलन (रश्मि प्रकाशन से) प्रकाशनाधीन। लघु पत्रिका ‘संकेत’ का छ्टा अंक कविताओं पर केंद्रित। पिताजी के साथ मिलकर सुधीर सक्सेना की कोरोना केन्द्रित कविताओं का हिंदी से अंग्रेजी में अनुवाद; बांग्लादेश के कवि ओबायद आकाश की कविताओं का बंग्ला/अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद। कविता, संस्मरण, समीक्षा आदि प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित।

यात्रा:    सुनामी के बाद दो दोस्तों के साथ नागापट्टिनम की यात्रा. वहाँ ‘बच्चों के लिए बच्चों के द्वारा’ कार्यक्रम के तहत बच्चों को मदद पहुँचाने की कोशिश, आनंदवन, बस्तरशांतिनिकेतन की यात्राएँ...

'सूत्र' सम्मान 2019 से सम्मानित।

1 टिप्पणी:

भास्कर चौधुरी ने कहा…

जनसरोकार मंच का आभार।

“कलम में वह ताक़त होती है जो आज़ादी का बिगुल बजा सकती है।” - संतोष श्रीवास्तव ---

कहानी संवाद “कलम में वह ताक़त होती है जो आज़ादी का बिगुल बजा सकती है।”  - संतोष श्रीवास्तव --- "सुनो, बच्चों को सही समझाइश देना और ज़माने...