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मई 2024 को मैं मोहिनी देवी गोयनका गर्ल्स बी.एड कॉलेज लक्ष्मणगढ़, सीकर
द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
और भारतीय ज्ञान प्रणाली'
पर चर्चा और विचार-विमर्श पर
अपना व्याख्यान दिया। यह राष्ट्रीय सम्मेलन भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद
(आईसीएसएसआर) नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित है। "राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
और भारतीय ज्ञान प्रणाली" विषय पर एक पर चर्चा करने का अवसर मिला। पैनलिस्ट
के रूप में एक विशेषज्ञ होने के नाते मैं ऐसे महत्वपूर्ण विषय और भारत सरकार की एक
महत्वपूर्ण नीति "राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020" पर
चर्चा करने का अवसर मिला। जैसा कि हम जानते हैं कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) को केंद्रीय कैबिनेट ने 29
जुलाई 2020 को मंजूरी दी थी और राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया गया। यह 34
वर्षों के बाद भारत का सबसे बड़ा शैक्षिक सुधार है। मैंने इस संक्षिप्त चर्चा और
विचार-विमर्श के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
की मुख्य विशेषताओं को कवर करने का प्रयास किया और चर्चा का संक्षिप्त सार इस
प्रकार है।
नयी
राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश विकास के लिए अनिवार्य शिक्षा आवश्यकता को पूरा करने के
लिए बनायी गयी है। नई शिक्षा नीति (NEP
2020) का उद्देश्य भारत के युवाओं
को समावेशी और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करना है। यह भारत की 21वीं
सदी की पहली शिक्षा नीति जो की योजनाबद्ध और चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में लागू
की जा रही है। भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है। यह नीति भारत की परंपराओं
और मूल्यों को ध्यान में रखते हुए बनायी गयी है। भारत सरकार ने नई शिक्षा नीति के
तहत स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा में कई अहम बदलाव किए गए हैं जिसका लक्ष्य
देश को विश्व स्तरीय (world
class) और कौशल आधारित (skill based) शिक्षा प्रदान करना है। नई शिक्षा नीति का उद्देश्य भारत
के युवाओं को समावेशी और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करना है। वर्ष 2015
में, भारत ने संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक शिक्षा विकास (United Nations global education development
for Sustainable Development (SDG4) goal 4
एजेंडा को अपनाया है। जिसके तहत भारत समावेशी और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा को 2030
तक पूर्ण रूप से लागू करना चाह रहा है। भारत के SDG4
ग्लोबल एजेंडा में विश्व स्तरीय ओर उच्च गुणवत्ता शिक्षा सभी को देने का लक्ष्य
है। एसके साथ-साथ सभी के लिए आजीवन सीखने के अवसरों को बढ़ावा देना है। सभी के लिए
समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा,
जो स्कूल अलगाव को समाप्त
करती है, सतत विकास का एक अनिवार्य तत्व है। इस प्रकार एसडीजी 4
का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि 2030 तक सभी लड़कियों और लड़कों को गुणवत्तापूर्ण
प्रारंभिक बचपन विकास, देखभाल और पूर्व-प्राथमिक शिक्षा तक पहुंच
प्राप्त हो ताकि वे प्राथमिक शिक्षा के लिए तैयार हों।
वर्तमान
10+2 शैक्षणिक संरचना में 3-6
आयु वर्ग के बच्चों को कवर नहीं किया जाता है क्योंकि कक्षा एक 6
वर्ष की आयु से शुरू होती है। नई 5+3+3+4 संरचना (Academic Structure) में,
प्रारंभिक बचपन देखभाल और
शिक्षा का एक मजबूत आधार Early
Childhood Care and Education ( ECCE) 3
साल की उम्र से भी शामिल है। इस नए शैक्षणिक ढांचे का उद्देश्य कम उम्र से ही
बेहतर समग्र शिक्षा, विकास और कल्याण को बढ़ावा देना है। नई
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 2 साल की प्री-प्राइमरी शिक्षा (pre-primary education) 3 से 6
साल के बच्चों के लिए होगी। इस 2 वर्षीय प्री-प्राइमरी स्कूलिंग का उद्देश्य
बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के लिए तैयार करना है। प्री-प्राइमरी शिक्षा के 2
वर्षों के दौरान बच्चों को आंगनबाडी या समुदाय आधारित नर्सरी स्कूलों में निःशुल्क
पढ़ाया जाएगा। इसे शुरू करने का उद्देश्य शिक्षा के प्रारंभिक वर्षों पर अधिक जोर
दिया जाएगा और बच्चों की शिक्षा की शुरूवात से ही एक मजबूत सीखने की नींव रखी
जाएगी। तीन से छह वर्ष की आयु के बच्चों को ऐसी गतिविधियों में लगाया जाएगा जो
उन्हें खेल, मनोरंजक आदि के माध्यम से सीखने और समझने में
मदद करेगा। इससे 3-6 वर्ष की आयु के बच्चे स्कूली पाठ्यक्रम के
अंतर्गत आएंगे। प्रारंभिक चरण की शिक्षा को आनंदमय, चंचल
और मस्ती भरे माहौल में बनाने के लिए और अधिक प्रयास किए जाएंगे। सरकार की ओर से
देश की शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को लागू किया। इस नीति का मकसद देश में स्कूली पढ़ाई से
लेकर हायर एजुकेशन तक शिक्षा का विकास करना है। इसी के साथ एनईपी 2020
में प्रौढ़ शिक्षा पर भी जोर दिया गया है, इसके
तहत आजीवन सीखने की प्रक्रिया को जारी रखना और समय के साथ आने वाले बदलाव और
चुनौतियों के लिए लोगों को तैयार करना है।
नई
शिक्षा नीति 2020 का विजन - Vision of New Education Policy : नयी शिक्षा नीति भारत के सभी छात्रों को विश्व स्तरीय, उच्च
गुणवत्ता वाली शिक्षा देने के लक्ष्य से बनायी गयी है। इस नीति से छात्रों की
संज्ञानात्मक क्षमताओं (cognitive
capacities), समस्या-समाधान
दृष्टिकोण (Problem Solving
attitude), को उजागर करने का
प्रयास है। नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का उद्देश्य व्यावसायिक शिक्षा सहित उच्च
शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात को 27.9%
(2022-2023) से बढ़ाकर 2035
तक 50% करना है। उच्च शिक्षा संस्थानों में 3.5
करोड़ नई सीटें जोड़ी जाएंगी। नई शिक्षा नीति का उद्देश्य वर्ष 2030
तक प्री-स्कूल से माध्यमिक स्तर तक 100% जीईआर (GER) प्राप्त
करना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति पहुंच,
इक्विटी, गुणवत्ता, वहनीयता
और जवाबदेही के मूलभूत स्तंभों पर बनी है, यह
नीति सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा से जुड़ी है। नई शिक्षा नीति का
दृष्टिकोण समाज के सभी वर्गों के छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली सार्वभौमिक शिक्षा
प्रदान करना है, इस नीति का लक्ष्य 2040
तक भारतीय शिक्षा प्रणाली को बदलना है। प्रत्येक विषय में पाठ्यचर्या सामग्री को
उसकी मूल अनिवार्यता तक कम कर दिया जाएगा,और
महत्वपूर्ण सोच और अधिक समग्र शिक्षा पर अधिक जोर दिया जाएगा जो पूछताछ-आधारित, खोज-आधारित, चर्चा-आधारित
और विश्लेषण-आधारित शिक्षा होगी।
नई
शिक्षा नीति सिद्धांतों के एक निश्चित सेट पर आधारित है जो भारत के युवाओं को
विश्व स्तरीय (world class), उच्च गुणवत्ता (high quality) वाली
शिक्षा प्राप्त करने में मदद करेगी। इस नई शिक्षा नीति (न्यू एजुकेशन पॉलिसी ) का
उद्देश्य सिर्फ़ जनता को शिक्षित करने तक सीमित नहीं है बल्कि युवाओं को एक
जिम्मेदार इंसान बनाना भी है।
नई
शिक्षा प्रणाली का मुख्य उद्देश्य युवाओं के बीच अच्छे चरित्र (good character) का विकास करना है और उनको एक अच्छा इंसान (good human being) बनना है जो समाज में योगदान दे सके। शिक्षा के प्रमुख
उद्देश्यों में से एक तर्कसंगत विचार (rational
thought) और क्रिया को विकसित करना है, जिसमें
करुणा (compassion), सहानुभूति (empathy), रचनात्मक
कल्पना (creative
imagination) और नैतिक मूल्य (ethical values) हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मानवीय नैतिकता और
संवैधानिक मूल्यों जैसे सहानुभूति,
जिम्मेदारी, स्वच्छता, दूसरों
के लिए सम्मान, सार्वजनिक संपत्ति के लिए सम्मान, वैज्ञानिक
स्वभाव, समानता आदि सिखाएगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति पहुंच, इक्विटी, गुणवत्ता, वहनीयता
और जवाबदेही के मूलभूत स्तंभों पर बनी है, यह
नीति सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा से जुड़ी है। नई शिक्षा नीति का
दृष्टिकोण समाज के सभी वर्गों के छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली सार्वभौमिक शिक्षा
प्रदान करना है, इस नीति का लक्ष्य 2040
तक भारतीय शिक्षा प्रणाली को बदलना है। प्रत्येक विषय में पाठ्यचर्या सामग्री को
उसकी मूल अनिवार्यता तक कम कर दिया जाएगा, और
महत्वपूर्ण सोच और अधिक समग्र शिक्षा पर अधिक जोर दिया जाएगा जो पूछताछ-आधारित, खोज-आधारित, चर्चा-आधारित
और विश्लेषण-आधारित शिक्षा होगी। नई शिक्षा नीति सिद्धांतों के एक निश्चित सेट पर
आधारित है जो भारत के युवाओं को विश्व स्तरीय (world class), उच्च
गुणवत्ता (high quality) वाली शिक्षा प्राप्त करने में मदद करेगी। इस
नई शिक्षा नीति (न्यू एजुकेशन पॉलिसी ) का उद्देश्य सिर्फ़ जनता को शिक्षित करने
तक सीमित नहीं है बल्कि युवाओं को एक जिम्मेदार इंसान बनाना भी है।नई शिक्षा
प्रणाली का मुख्य उद्देश्य युवाओं के बीच अच्छे चरित्र (good character) का
विकास करना है और उनको एक अच्छा इंसान (good
human being) बनना है जो समाज में
योगदान दे सके। शिक्षा के प्रमुख उद्देश्यों में से एक तर्कसंगत विचार (rational thought) और क्रिया को विकसित करना है, जिसमें
करुणा (compassion), सहानुभूति (empathy), रचनात्मक
कल्पना (creative
imagination) और नैतिक मूल्य (ethical values) हैं।
नई
राष्ट्रीय शिक्षा नीति मानवीय नैतिकता और संवैधानिक मूल्यों जैसे सहानुभूति, जिम्मेदारी, स्वच्छता, दूसरों
के लिए सम्मान, सार्वजनिक संपत्ति के लिए सम्मान, वैज्ञानिक
स्वभाव, समानता आदि सिखाएगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति पहुंच, इक्विटी, गुणवत्ता, वहनीयता
और जवाबदेही के मूलभूत स्तंभों पर बनी है, यह
नीति सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा से जुड़ी है। नई शिक्षा नीति का
दृष्टिकोण समाज के सभी वर्गों के छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली सार्वभौमिक शिक्षा
प्रदान करना है, इस नीति का लक्ष्य 2040
तक भारतीय शिक्षा प्रणाली को बदलना है। नई शिक्षा नीति छात्रों में लचीलेपन और
विषयों की पसंद में वृद्धि होगी। छात्र विभिन्न समूहों से विषयों का चयन कर सकते
हैं, जिसका अर्थ है कि कला के छात्र विज्ञान स्ट्रीम से भी विषय
चुन सकते हैं और इसके विपरीत। कला और विज्ञान के बीच, पाठ्यचर्या
और पाठ्येतर गतिविधियों के बीच,
और व्यावसायिक और शैक्षणिक
धाराओं के बीच कोई कठिन अलगाव नहीं होगा। नई शिक्षा नीति में शिक्षा का माध्यम
मातृभाषा (mother tongue) या क्षेत्रीय भाषाओं (regional languages) में ग्रेड 5 तक और अधिमानतः ग्रेड 8
तक दिया जाएगा। यह दुनिया भर में समझा जाता है कि छोटे बच्चे अपनी मातृभाषा या
क्षेत्रीय भाषा में अवधारणाओं को अधिक तेज़ी से सीखते और समझते हैं।
नई
शिक्षा नीति में व्यावसायिक शिक्षा स्कूल में छठी कक्षा से शुरू होगी और इसमें
इंटर्नशिप शामिल होगी। नई शिक्षा नीति (एनईपी) में व्यावसायिक शिक्षा स्कूली
शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक शिक्षार्थियों को नौकरियों के लिए तैयार करेगी।
व्यावसायिक प्रशिक्षण और शिक्षा में व्यावहारिक सत्र, उद्योग
प्रदर्शन और इंटर्नशिप शामिल होंगे,
यह शिक्षार्थियों को एक
विशिष्ट व्यापार के लिए तैयार करेगा और उनके तकनीकी कौशल को उन्नत करेगा जो रोजगार
के लिए अनिवार्य हैं। नई शिक्षा नीति में लचीले पाठ्यक्रम वाले बहु-विषयक (Multidisciplinary) समग्र यूजी शिक्षा शामिल होगी। उच्च शिक्षा में विषयों का
रचनात्मक संयोजन होगा, पाठ्यक्रम में व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण और
पूरा होने पर उपयुक्त प्रमाणीकरण के साथ कई प्रविष्टियां और निकास बिंदु होंगे।
इंदिरा
गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय इग्नू के एक शिक्षाविद् होने के नाते यह
हमारी प्रमुख जिम्मेदारी है कि जब भी हमें देश भर में जो भी मंच मिले, अपने
कार्यों, व्याख्यानों,
चर्चाओं और विचार-विमर्श के
माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लिए जन जागरूकता फैलाने और व्यापक प्रचार
करने में सकारात्मक योगदान दें। ईमानदारी से हम सभी को इस प्रतिष्ठित शिक्षा नीति 2020
को और अधिक समझने योग्य,
जन जागरूकता और सही व्याख्या
करने के लिए अपना योगदान देना चाहिए। अपने कार्यों, व्याख्यानों, चर्चाओं
और विचार-विमर्श के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
के लिए जन जागरूकता फैलाने और व्यापक प्रचार करने के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा
नीति 2020 पर दिए हैं। मैं लगातार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं जन-जागरूकता के लिए उत्कृष्ट एवं विश्वसनीय प्रयास कर
रहा हूं ताकि हमारे नौनिहाल,
युवतियां एवं जन-जन नव
निर्माण परिवर्तन के लिए भारत सरकार द्वारा लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
के महत्व को समझ सकें। यह मेरा दृढ़ विश्वास है कि हम इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
के माध्यम से 21वीं सदी की आवश्यकताओं के साथ एक नया विकसित
भारत बनाने में सक्षम होंगे। इस राष्ट्रीय चर्चा और विचार-विमर्श के दौरान, मुझे
कई प्रसिद्ध शिक्षाविदों,
शिक्षक प्रशिक्षकों, विभिन्न
प्रतिष्ठित कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा प्रणाली के
प्रोफेसरों को सुनने और उनसे मिलने का अवसर मिला। प्रोफेसर बी एल जैन साहब, लाडनूं
जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय,
डॉ. जगदीश कड़वासरा जी
ग्रामीण महिला कॉलेज, सीकर, डॉ.
दिनेश जी सेठ मोती लाल कॉलेज झुंझुनू आदि। डॉ. मोनू सिंह गुर्जर हाल ही में
राष्ट्रीय प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थान एनसीईआरटी में शामिल हुए हैं और लगातार इस
तरह की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय चर्चाओं में उनकी सक्रिय भागीदारी देखकर खुशी
हो रही है।
इस
खूबसूरत और बेहद महत्वपूर्ण नीतिगत कार्यक्रम के लिए मुझे आमंत्रित करने के लिए
मैं मोहिनी देवी गोयनका गर्ल्स बी.एड कॉलेज लक्ष्मणगढ़ घस्सू, सीकर
के कॉलेज प्रबंधन का आभारी हूं और कॉलेज प्राचार्य डॉ. राकेश कुमार बुडानिया जी और
डॉ. राकेश बडासरा जी का विशेष धन्यवाद व्यक्त करता हूं। कॉलेज प्राचार्य डॉ. राकेश
कुमार बुडानिया जी और डॉ. राकेश बडासरा जी का विशेष आभारी एवं शुक्रगुज़ार हूं।
वास्तव में मैं इस चर्चा के लिए मुख्य भूमिका बनाने के लिए प्रोफेसर मनोज सक्सेना
जी, शिक्षा विभाग के प्रमुख, केंद्रीय
विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश,
प्रोफेसर दिनेश चहल जी, केंद्रीय
विश्वविद्यालय हरियाणा और प्रोफेसर विनोद सांवल जी गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, नोएडा, यूपी
का आभारी हूं। कार्यक्रम का संचालन अनामिका यादव जी ने किया और हमारे छात्रों के
हितों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
पर सही और ठोस सवाल उठाने के लिए मैं उन्हें हार्दिक धन्यवाद देता हूं। छात्रों के
लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लाभों पर इतने महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा
की योजना बनाने और योजना बनाने के लिए समग्र और अंतिम बड़ा धन्यवाद भारतीय सामाजिक
विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) नई दिल्ली को जाता है और मैं इसके लिए
शुक्रगुज़ार हूं।
राजस्थान
से होने के नाते, अपने शैक्षणिक प्रयासों के माध्यम से राजस्थान
के युवाओं को अपना योगदान देना मेरी अधिक जिम्मेदारी है, इसलिए
वास्तव में मुझे अपने गृह राज्य में इस राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने में बहुत
खुशी हुई और कॉलेज प्रबंधन ने मुझे बिहार से आमंत्रित किया जिससे मुझे और अधिक
खुशी हुई और अपने लिए यह मान-सम्मान देखकर खुशी हुई।
सादर।
डॉ
कमलेश मीना,
सहायक
क्षेत्रीय निदेशक, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, इग्नू
क्षेत्रीय केंद्र भागलपुर,
बिहार। इग्नू क्षेत्रीय
केंद्र पटना भवन, संस्थागत क्षेत्र मीठापुर पटना। शिक्षा
मंत्रालय, भारत सरकार।
एक
शिक्षाविद्, शिक्षक, मीडिया
विशेषज्ञ, सामाजिक राजनीतिक विश्लेषक, वैज्ञानिक
और तर्कसंगत वक्ता, संवैधानिक विचारक और कश्मीर घाटी मामलों के
विशेषज्ञ और जानकार।
Email-kamleshmeena@ignou.ac.ina
drkamleshmeena12august@gmail.com
Mobile: 9929245565
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